“दिल थाम कर बैठों”
‘दिल’थाम कर बैठों
साँसे तेज़ी से चलने दो,
मैं ‘तूफ़ान’बनकर आ रहा हुँ
कोई उनको ख़बर कर दो.....
हमने देखा हैं उनका
बरसों बेचैनी से ‘इंतज़ार’ करना,
ख़त्म हुईं सब ‘रंजिशें’
कोई उनको ख़बर कर दो.....
‘ग़ुलामी’ की ज़ंजीरे
कब ? किसे ? कहाँ ?क़ैद कर सकी है ?
मैं ‘आज़ादी’ लेकर आ रहाँ हुँ,
कोई उनको ख़बर कर दो.....
‘नफ़रतों’ की ताक़तें ,
क्या ? प्यार को मिटा सकीं है
मैं ‘मोहब्बत’ लेकर आ रहा हुँ,
तुम मोहब्बत ज़िंदा रक्खों....
जिन्हें बड़ा ग़ुरूर था
अपने ‘मर्दानगी’ पर
मैं ‘सबक़’सिखाने आ रहाँ हूँ,
कोई उनको ख़बर कर दो.....
दिल थाम कर बैठों
साँसे तेज़ी से चलने दो
मैं तूफ़ान बनकर आ रहा हूँ,
कोई उनको ख़बर कर दो.....
-राम
‘दिल’थाम कर बैठों
साँसे तेज़ी से चलने दो,
मैं ‘तूफ़ान’बनकर आ रहा हुँ
कोई उनको ख़बर कर दो.....
हमने देखा हैं उनका
बरसों बेचैनी से ‘इंतज़ार’ करना,
ख़त्म हुईं सब ‘रंजिशें’
कोई उनको ख़बर कर दो.....
‘ग़ुलामी’ की ज़ंजीरे
कब ? किसे ? कहाँ ?क़ैद कर सकी है ?
मैं ‘आज़ादी’ लेकर आ रहाँ हुँ,
कोई उनको ख़बर कर दो.....
‘नफ़रतों’ की ताक़तें ,
क्या ? प्यार को मिटा सकीं है
मैं ‘मोहब्बत’ लेकर आ रहा हुँ,
तुम मोहब्बत ज़िंदा रक्खों....
जिन्हें बड़ा ग़ुरूर था
अपने ‘मर्दानगी’ पर
मैं ‘सबक़’सिखाने आ रहाँ हूँ,
कोई उनको ख़बर कर दो.....
दिल थाम कर बैठों
साँसे तेज़ी से चलने दो
मैं तूफ़ान बनकर आ रहा हूँ,
कोई उनको ख़बर कर दो.....
-राम
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