Saturday, 24 March 2018
'साँस थम गयी..' (दिल्ली गँगरेप घटना के बाद कि प्रतिक्रिया ) - At Solapur/25th Dec-2012
‘वक्त’ ठहर गया
‘साँस’ थम गयी
तमाम कोशिसें जीने कीं
आखिर ‘नाकाम’ हो गयी....
पर मुझे ‘हंसी’ आती है
तुम्हारी ‘मर्दानगी’ पर
तुहारीं ‘इन्सानियत’पर
तुम्हारी ‘जिंददिली’पर
‘मर्दानगी’ का तो तुमने
मतलब हि बदल डाला
अब कौन ‘भरोसा’ करेगा
तुम्हारे मर्दानगी का...??
तो क्या फ़रक पडता है
मेरे लिये ‘हमदर्दी’ जताने से
आँखीर क्या ? फायदा मेरे लिये,
‘आँसू’ बहाने का...?
ना मुझे कूछ ‘फिक्र’ थी
ना आपको कोई ‘मोल’ था
मेरी जिंदगी का....!!!
-Ram
‘वक्त’ ठहर गया
‘साँस’ थम गयी
तमाम कोशिसें जीने कीं
आखिर ‘नाकाम’ हो गयी....
पर मुझे ‘हंसी’ आती है
तुम्हारी ‘मर्दानगी’ पर
तुहारीं ‘इन्सानियत’पर
तुम्हारी ‘जिंददिली’पर
‘मर्दानगी’ का तो तुमने
मतलब हि बदल डाला
अब कौन ‘भरोसा’ करेगा
तुम्हारे मर्दानगी का...??
तो क्या फ़रक पडता है
मेरे लिये ‘हमदर्दी’ जताने से
आँखीर क्या ? फायदा मेरे लिये,
‘आँसू’ बहाने का...?
ना मुझे कूछ ‘फिक्र’ थी
ना आपको कोई ‘मोल’ था
मेरी जिंदगी का....!!!
-Ram
Nice one. Keep it up
ReplyDeleteThank you very much..!!
ReplyDeleteThank you very much..!!
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