“आदत”
‘तनहाइयों’में जीना ,
आदत सी हो गयीं हैं
हर ‘दर्द ‘सहना,
आदत सी हो गयीं है ...!
दुनियाँ की ‘भीड़ ‘में
मेरा ‘बिछड़’जाना,
हाथ कुछ ना आना,
आदत सी हो गयीं है ....!!
कल कुछ ना हो सका
आज क्या होगा ?
सोच कर ‘घबराना’
आदत सी हो गयीं हैं....!!!
‘सच ‘को देखकर,
सच से भाग जाना
जूठी ‘शान ‘में जीना
आदत सी हो गयीं है ...!!!!
-राम
‘तनहाइयों’में जीना ,
आदत सी हो गयीं हैं
हर ‘दर्द ‘सहना,
आदत सी हो गयीं है ...!
दुनियाँ की ‘भीड़ ‘में
मेरा ‘बिछड़’जाना,
हाथ कुछ ना आना,
आदत सी हो गयीं है ....!!
कल कुछ ना हो सका
आज क्या होगा ?
सोच कर ‘घबराना’
आदत सी हो गयीं हैं....!!!
‘सच ‘को देखकर,
सच से भाग जाना
जूठी ‘शान ‘में जीना
आदत सी हो गयीं है ...!!!!
-राम
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