तेरी यादों के...
तेरी यादों के ‘काफलें’
कुछ इसकदर बढ़े जातें हैं,
आजकल हम पल-पल
बिखर जाते हैं...!
ना ‘दिल’कहीं और लगता है
ना दूर दूर तलक कुछ दिखता है
मानो खो गया मुझसे मेरा अपना ‘सबकुछ’
मानो खो गया मुझसे मेरा ‘वजूद’....!!
-राम
तेरी यादों के ‘काफलें’
कुछ इसकदर बढ़े जातें हैं,
आजकल हम पल-पल
बिखर जाते हैं...!
ना ‘दिल’कहीं और लगता है
ना दूर दूर तलक कुछ दिखता है
मानो खो गया मुझसे मेरा अपना ‘सबकुछ’
मानो खो गया मुझसे मेरा ‘वजूद’....!!
-राम
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