Saturday, 7 April 2018

तेरी यादों के...

तेरी यादों के ‘काफलें’
कुछ इसकदर बढ़े जातें हैं,
आजकल हम पल-पल
बिखर जाते हैं...!

ना ‘दिल’कहीं और लगता है
ना दूर दूर तलक कुछ दिखता है
मानो खो गया मुझसे मेरा अपना ‘सबकुछ’
मानो खो गया मुझसे मेरा ‘वजूद’....!!


-राम

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