Sunday, 21 October 2018

“अगर आपके पास कमी है, अगर आप ग़रीबी या रोग के शिकार हैं, तो ऐसा इसलिए है क्यूँ की आप अपनी शक्ति पर यक़ीन नहीं करते हैं या उसे समझते नहीं हैं। यह ब्रह्मांड के देने का सवाल नहीं हैं , ब्रह्मांड तो हर व्यक्ति को हर चीज देने के लियें तैयार है - वहाँ कोई भेदभाव नहीं हैं...”

-रॉबर्ट कॉलीयर 
इस धरती पर रहने वाले हर महान शिक्षक ने आपको बताया है की जीवन में प्रचुरता (abundance) होनी चाहिए ।

“इस नियम का सार यह है की आपको प्रचुरता के बारे में सोचना चाहिए , प्रचुरता देखना चाहिए, प्रचुरता महसूस करना चाहिए , प्रचुरता में यक़ीन करना चाहिए, सीमा के किसी भी विचार को अपने मस्तिष्क में दाख़िल होने की इजाज़त ना दे..”

- रॉबर्ट कॉलीयर 
“मानसिक शक्तियों के कंपन ब्रह्मांड में सर्वश्रेष्ठ और सबसे शक्तिशाली होते है...।”

-चार्ल्स हानेल

“विचार और प्रेम का मिश्रण आकर्षण के नियम को बेहद शक्तिशाली बना देता है..”

-चार्ल्स हानेल

“आस्था से पहला क़दम उठायें, आपको पूरी सीढ़ी देखने की ज़रूरत नहीं है, बस पहला क़दम उठा ले...”

-डॉ. मार्टिन लूथर किंग

“कल्पना हीं सब कुछ है , यह जीवन के आगामी आकर्षणों का पूर्वदर्शन है ...”

- ऐल्बर्ट आइंस्टाइन

“मस्तिष्क जिस चीज़ की...कल्पना कर सकता है, उसे यह हासिल भी कर सकता है...”

- कलिमेंट स्टोन


Friday, 12 October 2018

“मैं जो भी कार्य करने का निर्णय लेता हूँ, उसमें सफल होने में सक्षम हुँ।”

यह पूर्ण सत्य है, लेकिन मुद्दे की बात यह है की क्या आपको इसपर विश्वास है ???
“मनुष्य वही होता है, जिस बात में वह विश्वास करता है ।”

प्लेटों ने कहा था, “स्वयं को जानो” और इससे अधिक महत्वपूर्ण शब्द कभी नहीं बोले गए, 
और आपको ख़ुद को जानना ही चाहिए, की आप क्या कर रहे हैं, क्या महसूस कर रहें है, और क्या सोच रहे हैं, ताकि आप ख़ुद को नियम के सामंजस्य में ला सकें...।

स्वयं को जानिए....!!
“लगता है जैसे तेरे बहुत ‘क़रीब’रहता हुँ
कभी तेरे पास तो कभी दूर होता हुँ
ये मेरा ‘वहम’है या है कोई गहरा सपना 
जैसे नींद से जागता हुँ और ‘होश’में आता हुँ”



-राम 

“अगर आपके पास कमी है, अगर आप ग़रीबी या रोग के शिकार हैं, तो ऐसा इसलिए है क्यूँ की आप अपनी शक्ति पर यक़ीन नहीं करते हैं या उसे समझते नहीं है...