Sunday, 23 September 2018

ख़ुशी हमारे अस्तित्व की स्वाभाविक अवस्था है । नकारात्मक विचार सोचने, नकारात्मक शब्द बोलने और दुखी रहने में बहुत सारी ऊर्जा लग जाती हैं । आसान रास्ता है अच्छें विचार रखना, अच्छे शब्द बोलना और अच्छे कार्य करना ।

आसान रास्ता चुने...।


-रहस्य
तुम पास हो”

‘तुम’ पास हो, पास हीं रहने दो 
तुम ख़ास हो, ‘ख़ास’ हीं रहने दो 

उठता है धुवाँ, चलती हैं ‘आँधिया’
वक़्त का ‘तक़ाज़ा’है, अपने हाल छोड़ दो 

सोचने से नहीं चलती ‘ज़िंदगी’
ज़िंदगी से ‘सोच’ चलती है!!

हर ‘शख़्सियत’ख़ास हैं और ख़ास हो तुम 
हमेशा साथ रहा हूँ, हमें ‘साथ’हीं रहने दो 

-राम 






Monday, 17 September 2018

“ज़्यादातर तर लोग लगभग उतने ही ख़ुश रहते है, जैसा वे अपने मन में सोच लेते हैं..”

-अब्राहम लिंकन
इस दुनिया में दो तरह के लोग होते है-

एक वे जो कहते है - “ जब मैं इसे देख लूँगा, तभी इस पर विश्वास करूँगा”

और दूसरे वे जो कहते है,- “ मैं जानता हु, की मुझे पहले विश्वास करना होगा, तभी मैं इसे देख पाउँगा”


-रहस्य 
“नकारात्मक विचारों और नकारात्मक भावनाओं को जीवित रहने के लिए आपके ध्यान और एकाग्रता की ज़रूरत होती है, अगर आप उन पर ध्यान हाई न दे, तो वे जीवित नहीं रह सकते; यदि आप उन्हें नज़रअन्दाज़ कर देते है और उन पर ध्यान देने से इंकार कर देते है, तो आप उनकी शक्ति कम कर रहे है और वो समाप्त हो जाएँगे...!!!

-रहस्य

Friday, 14 September 2018

ज़िन्दगी तेरे हर रूप को देखा...”

ज़िन्दगी हमने तेरे हर ‘रूप’ को देखा 
ठंडी छांव और कड़ी धूप को देखा

‘मुसीबतों’को ज़रा आज़मा रहा था मैं
किरदारों के कितने ‘रंग’बदलते देखा 

‘सबर’ करती ये दुनिया तो बता देता 
हमने क्या समझा ? तुमने क्या समझा ?

किसी को दुःख पहुँचाना मेरा ‘मक़सद’ नहीं 
बस ‘ज़रिया’बनना चाहता हुँ तुम्हारी ख़ुशियों का

रंग-रूप की चाहत से ऊपर उठ चूका हु मैं
जब बेचैन-तनहा सी धड़कतीं रूहों को देखा 

हर दिल को ‘अज़ीज़’ समझकर जिता हु मैं
हर किसी को दिल से इज़्ज़त,प्यार देता हूँ मैं

मेरी फ़ितरत में नहीं किसी से ‘धोखा’करू
मैंने जीवन को तमाम ‘संभावनाओ’की नज़र से देखा 


- राम 










Thursday, 6 September 2018

आयुष्य बेचिराख तरीही मजेत मी
आली कवेत व्यथा व्यथेच्या कवेत मी...!!!

-सुरेश भट

“अगर आपके पास कमी है, अगर आप ग़रीबी या रोग के शिकार हैं, तो ऐसा इसलिए है क्यूँ की आप अपनी शक्ति पर यक़ीन नहीं करते हैं या उसे समझते नहीं है...